Saturday, March 5, 2011

यह स्थिति सौ साल बाद की है?

आज अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस है। खास बात यह है कि इसे मनाते हुए हमें सौ साल भी बीत गए हैं। अभी आधा घंटा पहले मैंने आज का अख़बार पढ़ा है। अख़बार किसी त्यौहार की तरह खुश है। तरह- तरह से उसने अपनी ज़िम्मेदारी जाहिर की है।
एक फीचर में उसने जयपुर शहर की दस ऐसी महिलाओं का सचित्र परिचय दिया है जिन्होंने शहर के जीवन पर अपना प्रभाव छोड़ा है। एक पूरे पेज पर पचास ऐसी ताकतवर महिलाओं के बारे में बताया गया है जिन्होंने अपने ज़बरदस्त कामों से पूरे देश के जन-जीवन को आंदोलित किया है। इनके साथ कुछ और ख़बरें भी हैं।
पहली खबर यह कि चार दशक पहले ज्यादती की शिकार होकर एक अस्पताल में पड़ी नर्स की जीवनलीला समाप्त करने की याचिका पर न्यायालय ने मंजूरी नहीं दी है।
एक और खबर है कि बारह वर्षीय एक बालिका को हवस का शिकार बनाया गया है।
फिर एक बड़ी खबर यह है कि शहर की महिला मेयर ने जिन अफसरों पर घपलों और भ्रष्टाचार के इल्जाम सरेआम लगाये थे, उन्होंने पलटवार करते हुए मेयर पर भी वैसे ही इल्जाम लगा दिए हैं ।
चलिए,पूरा अख़बार नहीं सुनाऊंगा। मेरा कहने का मतलब यह है कि आज तो महिला दिवस है, इसलिए दमदार व्यक्तित्व वाली महिलाओं के बारे में आप को पढने को मिला। कल से तो बाकी ख़बरों से ही काम चलाना है।अमेरिका की तारीफ पर आयें ?

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