Wednesday, August 10, 2011

सीट शेयरिंग का प्यारा उदाहरण हैं बुल्गारिया और ग्वाटेमाला

दोस्ती इंसानों की तरह देशों में भी होती है. दोस्त भी कभी-कभी लड़ते हैं. दोस्त दूर-दूर भी हो सकते हैं,और पास-पास भी.दोस्त अमीर-गरीब भी हो सकते हैं. दोस्त छोटे-बड़े भी हो सकते हैं. दोस्त भावनाओं में भी बहते हैं.
दो किशोरों ,दो युवाओं की तरह दो राष्ट्रों का किसी मेले में साथ-साथ होना दिलचस्प है. ये मेला दुनिया का मेला हो
तो क्या कहने? दुनिया में सैंकड़ों देश हैं,इनमे साथ-साथ होना कितना मजेदार हो सकता है.स्कूल में एक ही सीट पर दो बच्चों के एक साथ बैठे होने जैसा.
कभी-कभी सफ़र में पास-पास की सीट ज़िन्दगी भर का दोस्त बना देती है. पडौस तो रिश्तेदारी तक में बदल जाता है.दोस्ती बनने बिगड़ने के न कोई नियम हैं, न व्याकरण. 
विश्व के सौ सबसे बड़े देशों की सूची देखिये,ग्वाटेमाला और बुल्गारिया एक साथ हैं, एक ही पायदान पर. नंबर ६५ इन्ही के नाम है. 

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