Wednesday, August 31, 2011

गणेश ने की मनोकामना पूरी

एक बार एक चूहे की दोस्ती हाथी से हो गई.दोनों पक्के दोस्त बन गए.
कुछ दिन बाद चूहे का जन्मदिन आया.हाथी को जैसे ही पता चला,वह बोला-मैं तुम्हारी बर्थडे पार्टी में ज़रूर आऊंगा.चूहे के पैरों तले ज़मीन खिसक गई.उसने सोचा,मैं अपने छोटे से बिल में इसे कैसे बुलाऊं.वह इनकार कर के दोस्त का दिल नहीं दुखाना चाहता था.फिरभी उसे मन मार कर चुप रह जाना पड़ा.
अगले दिन जब धूम-धाम से पार्टी शुरू हुई,चूहा केक काटने चला.उसने मोमबत्ती जलाने के लिए जैसे ही माचिस जलाई अचानक धुंए के साथ जोर से छींक की आवाज़ आई,और चूहा सब दोस्तों के साथ बिल से बाहर आया.वह ये देख कर ख़ुशी से झूम उठा कि उसके दोस्त हाथी ने आकर बिल पर सूंड रख दी थी.और धुंए से आई छींक ने दोस्तों को मिला दिया.
उसी दिन से चूहे ने हाथी को अपनी पीठ पर बैठा कर चलना शुरू कर दिया.

No comments:

Post a Comment

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...