Wednesday, January 2, 2013

पढ़िए "नीरज" के सवाल, और मेरे जवाब !

नीरज- गीत जब मर जायेंगे फिर क्या यहाँ रह जाएगा?
प्रबोध- एक  सन्नाटा कहीं से बांसुरी चुन लाएगा !

नीरज- प्यार की धरती अगर बंदूक  से बांटी गई ?
प्रबोध- संतरे की फांक सा हर दिल भी संग बँट जायेगा !

नीरज- आग लेकर हाथ में पगले जलाता है किसे ?
प्रबोध-  जो जलेगा, अंजुरी-भर राख तो दे जाएगा।

नीरज- गर चिरागों की हिफाज़त फिर उन्हें सौंपी गई ?
प्रबोध - कालिमा रानी बनेगी, तम यूँ ही इतराएगा !

नीरज- आएगा अपना बुलावा जिस घड़ी उस पार से?
प्रबोध- रास्ते रह जायेंगे, इनका भला क्या जायेगा !

नीरज- सिर्फ धरती ही नहीं, हर शय यहाँ गर्दिश में है
प्रबोध- हम  अकेले  ही  नहीं डूबेंगे,  जत्था  जायेगा !

नीरज- जिंदगी और  मौत की  केवल कहानी है  यही
प्रबोध- कौन कहने आएगा और कौन सुनने आएगा !

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