Friday, August 15, 2014

अधूरे जुमले

जरुरी नहीं, कि महान लोगों की हर बात महान ही हो।  कई बार वो ऐसी बात कर जाते हैं कि आपको झुंझलाहट होने लगे।
अब देखिये- गांधीजी ये तो कह गए कि यदि कोई तुम्हारे एक गाल पर चाँटा मार दे तो दूसरा भी उसके आगे कर दो, पर यह बता कर नहीं गए कि यदि वह दूसरे गाल पर भी चाँटा मार दे तो क्या करना है।
इसी तरह महाकवि कबीर ने यह फ़रमान तो जारी कर दिया कि निंदक नियरे राखिये, पर यह नहीं बता कर गए कि यदि चारों तरफ निंदक ही निंदक जमा हो जाएँ तो क्या करें।
एक राजा अपने राज को ठीक से संभाल नहीं पा रहा था, तो जनता ने ज़ोर लगा कर उसका तख्ता पलट दिया। दूसरा राजा आ गया।
पहले राजा ने सोचा, चलो अब विश्राम ही कर लें,किन्तु राजा के दरबारियों के सामने समस्या आ गई कि अब क्या करें। कुछ करके थके तो थे नहीं, सो विश्राम क्या करते।  उन्हें कुछ बुद्धिवानों ने समझाया- अरे, पहले स्तुति करते थे तो अब निंदा करो।
दरबारी बोले-लेकिन यदि नया राजा कोई गलती नहीं करे तो?
बुद्धिवानों ने समझाया-अरे मूर्खो, कुछ पढ़े-लिखे हो या नहीं? राजा बोले तो कहना-"देखो, ऑक्सीजन भीतर ले रहा है, और कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर छोड़ रहा है।
एक दरबारी बोल पड़ा- और यदि वह चुप रहे तो?
बुद्धिवान ने कहा-तब कहना -"ये भी पहले वाले राजा जैसा, ये भी पहले वाले राजा जैसा!"        

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