Sunday, September 28, 2014

चूहा आराम से सो रहा था, आपने चक्कर काटने में इतनी खटर -पटर क्यों की?

हर व्यक्ति चाहता है कि वह उन्नति करे और उसका भविष्य उज्जवल हो। यदि हर व्यक्ति अपनी इस चाहत को वास्तविकता में बदल पाये तो उसका देश भी तरक्की करता है।
क्या आप कोई ऐसा ताबीज या उपकरण चाहते हैं जो आपको पहले से ही यह बता कर सचेत करदे कि किस बात से तरक्की होगी, किस से नहीं?
इन घटनाओं को गौर से देखिये-
-रात को सोते वक्त आप अपने कमरे में लगातार खटर-पटर की आवाज़ सुनते हैं तो आपको कैसा लगता है?
-लाइट जला देते ही आपको यदि कमरे में फर्श पर कोई चूहा दौड़ता हुआ दिख जाये तो आप कैसा महसूस करते हैं?
-अगली सुबह आप बाजार से चूहा पकड़ने का एक पिंजरा खरीद लाते हैं तब आपको कैसा लगता है?
-आप किसी तरह चूहे को पिंजरे में डाल देने में कामयाब हो जाते हैं, तब आपको कैसा लगता है?
-आप चूहे को बहुत दूर जंगल-खेत-मैदान में छोड़ आते हैं तब आपको कैसा लगता है?
कुछ समय बाद आप चैन से सोते हुए एक सपना देखते हैं कि चूहा वापस चलता हुआ आपके घर के नज़दीक आ रहा है। इस बार वह अकेला नहीं है, बल्कि उसके साथ काले लिबास में एक और "जीव" है जो आपके दरवाजे पर पहुँचते ही आपको एक पत्र भेंट करता है।
पत्र में लिखा है-
रात दस बजे बाद लाइट जलाने की अनुमति नहीं थी तो आपने लाइट क्यों जलाई?
बाजार में लोहे के पिंजरे उपलब्ध थे तो आपने लकड़ी का पिंजरा क्यों खरीदा?[ज़रूर लकड़ी के लिए कोई पेड़ काटा गया होगा]
क्या आपने जंगल-खेत या मैदान में चूहे को छोड़ने से पहले फॉरेस्ट विभाग,एग्रीकल्चर विभाग या प्रशासन से 'नो ऑब्जेक्शन' लिया था?     
 
   

2 comments:

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